राम नगरी अयोध्या में अब मांस और मछली के बिक्री पर रोक लग जाएगी । अयोध्या के साधू परमहंस जी महाराज ने इस बाबत राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा था । इस पत्र के प्रतिउत्त्र में राष्ट्रपति भवन ने अयोध्या के एसएसपी को उचित कार्रवाई के बाबत पत्र लिखा है । बता दें कि तपस्वी ने जे राष्ट्रपति के नाम एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें उन्हानें गुजारिस की थी कि अयोध्या में मांस और मदिर बैन किया जाए ।
संत परमहंस दास ने बताया कि उन्होंने 2018 में राम नगरी श्री अयोध्या और मथुरा में मांस-मदिरा की बिक्री प्रतिबंधित करने की मांग उठाई थी। राष्ट्रपति को संबोधित पत्र में लिखा था कि 2020 तक यदि अयोध्या में मांस-मदिरा बिक्री पर रोक ना लगी तो वह 2021 से अन्न जल त्याग कर आमरण अनशन करेंगे।
उन्होंने मांग की थी कि अयोध्या को मांस और मदिरा से मुक्त किया जाए, क्योंकि पहले भी धर्म नगरी में मांस-मदिरा की बिक्री नहीं होती रही है। मुगलों के शासन में साजिश के तहत अयोध्या में इसकी शुरुआत की गई थी। परमहंस ने अयोध्या में मांस-मदिरा की बिक्री पर रोक की मांग पर राष्ट्रपति भवन के उठाये गए कदम की सराहना करते हुए इसे धर्म के प्रति संवेदनशील बताया है।
अयोध्या के संत-धर्माचार्य और सात्विक विचार के गृहस्थ साफ शब्दों में कहते हैं कि अयोध्या धाम जैसे पवित्र स्थल पर मांस-मदिरा की बिक्री वैसे ही है कि जैसे एक साफ-सुथरे स्थल के पास कूड़ाघर बना दिया जाए।
उनका कहना है कि इसकी बिक्री से समूचा वातावरण दुर्गन्ध युक्त हो जाता है, तो उपयोग करने वाले असमाजिक तत्व धार्मिक वातावरण को दूषित कर देते हैं। ऐसे में आवश्यक है कि अयोध्या जनपद में मांस-मदिरा की बिक्री पर तत्काल रोक लगाई जाए।