प्रधानमंत्री मोदी का कद दिनो दिन बढ़ता जा रहा है । चीन पर कूटनीति हो या अमेरिका के साथ दोस्ती हर जगह मोदी जी का डंका बज रहा है । इस उपलब्धि में एक और कड़ी जुड़ गई है । मोदी जी आज ब्रिटेने में शुरू हो रहे ‘इंडिया ग्लोबल वीक 2020’ को संबोधित करेंगे। अपने इस वर्चुअल वैश्विक संबोधन में वह भारत के व्यापार और विदेशी निवेश पर अपने विचार रखेंगे। कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते पीएम मोदी ऑनलाइन इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन से जुड़ेंगे।
भारत के वैश्वीकरण को देखते हुए यहां भारत को कई बड़े निवेश और उत्पादन के अवसर मिलने की उम्मीद है।इंडिया इंक ग्रुप के सीईओ और चेयरमैन मनोज लडवा ने बताया कि कोविड-19 के साये में भारत प्रतिभाओं और तकनीकी ज्ञान का भंडार बनकर उभरा है। वैश्विक मामलों में भारत नेतृत्व की केंद्रीय भूमिका में है।
इसलिए उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी का संदेश पूरे विश्व के लिए बेहद अहम होगा। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में विदेश मंत्री एस.जयशंकर, रेल व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, नागरिक उड्डयन व शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद और स्किल डेवलेपमेंट मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय भी शामिल होंगे।
ब्रिटेन की ओर से प्रिंस चार्ल्स का विशेष संबोधन होगा। ब्रिटेन की सरकार की ओर से विदेश मंत्री डोमनिक राब, गृह मंत्री प्रीति पटेल, स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकाक और व्यापार मंत्री लिज ट्रस वक्ता होंगे।
दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 1 करोड़ के पार पहुंच गए हैं। अब तक विश्व में 11,788,097 लोग संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 541,845 लोगों की मौत हो चुकी है। इधर, भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 719665 पहुंच गई है। ऐसे में भारत में ही नहीं, दुनियाभर में बड़े कार्यक्रम और बैठक ऑनलाइन हो रही हैं।
भारत और अमेरिका हर चुनौती से मिलकर निपटेंगे
भारत और अमेरिका के बीच प्रगाढ़ होते रणनीतिक रिश्तों में चीन एक अहम वजह है और इसकी बानगी मंगलवार को दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के बीच हुई वर्चुअल बैठक में भी दिखी। विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला और अमेरिका की अवर सचिव (राजनीतिक मामले) डेविड हेल की अगुआई में हुई बैठक में वैसे तो द्विपक्षीय रिश्तों के सभी आयामों पर चर्चा हुई है, लेकिन चीन से जु़ड़े मुद्दों पर खासा जोर रहा। ऐसे समय जब भारत और चीन के बीच सैन्य तनाव काफी अहम मोड़ पर है, तब भारत व अमेरिका ने हर साझा चुनौती को लेकर एक-दूसरे के संपर्क में रहने और एक दूसरे को उसके लक्ष्य को हासिल करने में मदद करने का आश्वासन दिया है। इस बैठक में साउथ चाइना-सी को लेकर अहम चर्चा हुई।