बिहार में कल से लेकर आज तक हादसों का दिन रहा है । भारी बारिश ने केवल जीवन अस्त व्यस्त कर दिया बल्कि कई लोगों को मौ’त के घाट भी उतार दिया है । मिली जानकारी के अनुसार अब तक 23 लोगों की जान जा चुकी है ।
गोपालगंज सदर एसडीएम उपेन्द्र पाल ने बताया कि सदर अनुमंडल में व’ज्रपात से अबतक 07 लोगों की मौ’त हुई है. जबकि हथुआ अनुमंडल में 06 लोगों की मौ’त हुई है. गौरतलब है कि तेज बारिश के साथ बिजली भी क’ड़क रही थी. यहां जिले के विभिन्न प्रखंडो में लोग खेतों में काम कर रहे थे. तभी वे वज्रपात के हा’दसे का शि’कार हो गए.
घा’यलों को जैसे ही सदर अस्पताल में लाया गया. वहां भी भारी बारिश के कारण अस्पताल में पानी लगा हुआ था. जिसकी वजह से मरीजों के परिजो को भारी फजी’हत झेलनी पड़ी. मिली जानकारी के अनुसार जिले में बरौली में 04, मांझागढ़ में 02 , बैकुंठपुर में 01 , उचकागांव में 04 , कटेया और विजयीपुर में 01 – 01 लोगों की मौ’त हुई है. जिसमे बच्ची और महिलायें भी शामिल हैं.
सीवान में पांच की मौ’त
वहीं, सीवान में भी वज्रपात से 5 लोगों की मौ’त हुई है जबकि तीन लोग घायल हैं सभी घा’यलों का इलाज सीवान सदर अस्पताल में चल रहा है. घा’यलों में दो की हालत ना’जुक बनी हुई है. यहां भी मृ’तक खेत मे धान की रोपनी कर रहे थे. सीवान के हुसेनगंज प्रखण्ड के सनी कुमार, शंभू राम, बड़हरिया प्रखण्ड के पार्वती देवी, मैरवा प्रखण्ड के दुर्गेश कुमार तो हसनपुरा प्रखण्ड के बिपुल कुमार की मौ’त हुई है.
मोतिहारी में दो की मौ’त
वहीं आकाशीय बिजली गिरने से अभिषेक कुमार, मीना कुमारी बबुनी कुमारी घा’यल हुई है जिसका इ’लाज सीवान के सदर अस्पताल में चल रहा है. इस तरह सीवान में बारिश आ’फत बनकर आई है. उधर पूर्वी चम्पारण में ठनका से दो की मौ’त हो गई है. सुगौली के शुक्ल पाकड़ में एक किसान और चकिया के बरमदिया में ठनका के चपेट में एक युवक की जान चली गई.
दरभंगा-मुधुबनी में तीन की मौ’त
मधुबनी के फुलपरास थाना के बेलहा गांव में भी व\ज्रपात से पति-पत्नी की मौ’त हो गई है. यहां भी खेत मे काम करने के दौरान ये हा’दसा हुआ है. वहीं दरभंगा में भी एक महिला की मौ’त हो गई है जबकि दो बुरी तरह घा’यल हैं. घनटा बिरौल थाना क्षेत्र के उछटी गांव की है.
वज्रपात से बचने के उपाय:
- बिजली गिरने के दौरान मजबूत छत वाला पक्का मकान सबसे सुरक्षित है.
- घरों में तड़ित चालक लगवाएं
- बिजली से चलने वाले उपकरण बंद कर दें
- यदि किसी वाहन पर सवार हैं तो तुरंत सुरक्षित जगह चले जाएं
- टेलीफोन, बिजली के पोल के अलावा टेलीफोन और टीवी टावर से दूर रहें
- किसी इकलौते पेड़ के नीचे नहीं जाएं
- यदि जंगल में हैं, तो बौने (कम ऊंची पेड़) और घने पेड़ों के नीचे जाएं
- दलदल वाले स्थानों और जलस्रोतों से दूर रहने की कोशिश करें
- गीले खेतों में हल चलाने या रोपनी करने वाले किसान और मजदूर सूखे स्थानों पर जाएं
- ऊंचे पेड़ के तनों या टहनियों में तांबे का एक तार बांधकर जमीन में काफी गहराई तक दबा दें ताकि पेड़ सुरक्षित हो जाए
- नंगे पैर फर्श या जमीन पर कभी खड़े ना रहें.बादल गर्जन के दौरान मोबाइल और छतरी का प्रयोग न करें
- आंधी-बारिश व तूफान के दौरान तत्काल बाद घर से बाहर न निकलें. देखा गया है कि बादल गर्जन व तेज बारिश के होने के 30 मिनट बाद तक बिजली गिरती है
- अगर कहीं कोई तेज बारिश में फंस जाएं तो अपने हाथों को घुटनों पर और सिर को घुटनों के बीच में रखें.इससे शरीर को कम-से-कम नुकसान होगा
- घरों के दरवाजे व खिड़कियों पर पर्दे का इस्तेमाल करें
- बादल गर्जन और बारिश के दौरान घर के नल, टेलीफोन ,टीवी और फ्रिज आदि न छूएं
- बारिश में दो पहिया वाहन, साइकल, नौका और दूसरे खुले वाहन में हों, तो तत्काल रोककर सुरक्षित स्थान पर चले जाएं
- बिजली और टेलीफोन के पोल के नीचे न खड़े हों.उस दौरान खेतों में खड़े न हों
मुआवजे का प्रावधान:
- वज्रपात से एक व्यक्ति की मौ’त पर उनके आश्रित को 4 लाख का मुआवजा
- प्रति घा’यल को 4300 से अधिकतम 2 लाख रुपये तक (घा’यल की स्थिति के अनुरूप)
- कच्चा या पक्का घर के पूर्ण रूप से क्ष’तिग्र’स्त होने पर प्रति मकान 95,100 रुपये
- झोपड़ियों की क्ष’ति पर प्रति झोपड़ी 2100 रुपये
- दुधारू गाय, भैंस की मौ’त पर प्रति पशु 30000 रुपये
- बैल, भैंसा जैसे पशु की मौ’त पर प्रति पशु 25000 रुपये
- भेड़ व बकरी सहित अन्य की मौ’त पर प्रति पशु 3000 रुपये