कर्ज का बोझ और परिवार की चिंता ने एक व्यापारी को खुद की सुपारी देने को मजबूर कर दिया । वो भी सिर्फ इसलिये कि उसके बाद उसका परिवार आराम की जिंदगी जी सके । वाकया दिल्ली का है । यहाँ के एक किराना दुकान के थोक व्यापारी ने अपनी ही सुपारी एक नाबालिग लड़के को दे दी ।
लाखों रुपए के कर्ज तले दबे दिल्ली के एक कारोबारी ने अपनी ही ह’त्या के लिए एक नाबालिग को सुपारी दे दी। पुलिस का दावा है कि कारोबारी ने अपनी ह’त्या इसलिए करवाई, ताकि परिवार को बीमा क्लेम की रकम मिल सके। कारोबारी का श’व मिलने के 5 दिन बाद सोमवार को पुलिस ने नाबालिग सहित चार आरोपियों की गिर’फ्तारी के बाद इस सा’जिश का पर्दाफाश किया।
पुलिस ने बताया कि कारोबारी गौरव बंसल आईपी एक्सटेंशन के आर्य नगर में पत्नी और बच्चों के साथ रहता था। उसका परचून का थोक कारोबार था। इसमें घाटे के कारण वह परेशान था। फरवरी में उसने 6 लाख रुपए का पर्सनल लोन लिया था। इसी दौरान उसके साथ साढ़े तीन लाख रुपए की ठगी भी हो गई। गौरव के परिवार ने 9 जून को आनंद विहार थाने में उसके लापता होने की रिपोर्ट दी थी।
अगले दिन रणहौला में उसका श’व पेड़ से लटका मिला। उसके दोनों हाथ रस्सी से बंधे थे। पुलिस ने यह नहीं बताया है कि बीमा कितने का था और सुपारी की रकम कितनी था। लेकिन पुलिस सुत्रों ने बताया कि गौरव ने अलग-अलग कंपनियों से एक करोड़ से ज्यादा का बीमा करवा रखा था।
हांलाकि परिवार ने अभी तक इस मामले में कोई बयान नहीं दिया है । लेकिन इतना तो तय है कि आर्थिक मंदी के इस दौर में आए दिन ऐसी खबर सुनने को मिल रही है । लेकिन परिवार के साथ न होकर परिवार की मदद का ये तरीका गैरजिम्मेदाराना है ।