क्या भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गवाही देने के लिए बिहार के बेतिया कोर्ट में हाजिर होंगे. गवाही भी किसी ऐरे गैरे के खिलाफ नहीं बल्कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ. कोरोना वायरस को लेकर बेतिया कोर्ट में ऐसी ही याचिका दायर की गयी है. कोर्ट ने 16 जून को मुकदमे पर सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है.
बेतिया कोर्ट में अजीबोगरीब मुकदमा
बिहार के बेतिया के सिविल कोर्ट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और WHO के डायरेक्टर जनरल डॉ टेडरॉस एथानम गैब्रेसस के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है. कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर ये मुकदमा स्थानीय वकील मुराद अली ने दायर किया है. मुकदमे में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और डब्ल्यूएचओ के डीजी पर पूरी दुनिया के साथ साथ बिहार के बेतिया जिले में कोरोना वायरस फैलाने का आपराधिक कारनामा करने का आरोप लगाया है. कोर्ट में परिवाद दायर हुआ है. लिहाजा सुनवाई के लिए सीजेएम की अदालत ने 16 जून की तारीख मुकर्रर की है.
नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप गवाह
मुराद अली की ओर से दायर इस मुकदमे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गवाह बनाया है. मुकदमा दायर करने वाले वकील ने कहा है कि चीन के राष्ट्रपति ने अपने देश के वुहान से कोरोना वायरस का प्रसार शुरू किया जो बिहार के बेतिया तक पहुंच गया. मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि WHO के DG ने कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया को झांसे में रखा जिससे स्थिति इतनी बिगड़ गयी.
बिहार के बेतिया कोर्ट में दायर ये मुकदमा बेहद दिलचस्प है. क्या बेतिया की सिविल कोर्ट किसी दूसरे देश के राष्ट्रपति के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे सकती है. सवाल ये भी है कि क्या भारत के प्रधानमंत्री के साथ साथ अमेरिका के राष्ट्रपति को गवाही के लिए बुलाया जा सकता है. देखना होगा कि 16 जून को सुनवाई में कोर्ट क्या निर्देश देती है.
गौरतलब है कि बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या पांच हजार से ज्यादा हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा के मुताबिक बिहार में अब तक 32 लोगों की मौत कोरोना वायरस के कारण हो चुकी है.