तीन आइआइटियन छात्रों ने मिलकर एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जो यह बता देगा कि भीड़ में किसने मास्क पहना है और किसने नहीं। मास्क नहीं पहनने वाले शख्स की तस्वीर कंट्रोल रूम में लगी स्क्रीन पर लाल घेरे में आ जाएगी। पटना के रहने वाले आइआइटियन छात्रों का दावा है कि इस तकनीक से एयरपोर्ट, स्टेशन, स्कूल-कॉलेज, कार्यालय या अन्य भीड़ वाली जगहों पर निगरानी आसानी से हो सकेगी।
इस सॉफ्टवेयर को बनाने वाली टीम का नेतृत्व बिहार के पटना स्थित सगुना मोड़ के रहने वाले अमित कुमार ने किया है। वह आइआइटी कानपुर से बीटेक और आइआइएम लखनऊ से मैनेजमेंट कर चुके हैं। इसके अलावा उनकी टीम में इंद्रपुरी के सुयश सिन्हा और दीघा के आलोक कुमार प्रियदर्शी शामिल हैं। ये दोनों भी आइआइटी कानपुर के पूर्ववर्ती छात्र हैं और लगभग दो महीने से इस पर काम कर रहे थे।
मेक इन इंडिया स्टार्टअप के तहत हुआ तैयार
अमित ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर को मेक इन इंडिया स्टार्टअप (stzoom.com) के तहत तैयार किया गया है। सॉफ्टवेयर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि पहले से लगे सीसीटीवी कैमरे में इसे इंस्टाल किया जा सकता है। इसकी लागत महज दो हजार रुपये मासिक है।
ऐसे काम करता है सॉफ्टवेयर
अमित कुमार ने बताया कि सॉफ्टवेयर को इस तरह बनाया गया है कि जिसने भी अपना चेहरा नहीं ढका होगा, वह सेंसर तकनीक के जरिए उसे लाल घेरे में दिखा देगा। इसकी जानकारी सॉफ्टवेयर कंट्रोल रूम को उपलब्ध कराएगा। इसके बाद सॉफ्टवेयर ऑटोमैटिक वॉयस जनरेट कर मास्क न लगने वाले व्यक्ति के सबसे नजदीकी स्पीकर के जरिए उसे अलर्ट करेगा।
कोविड-19 के बाद भी उपयोगिता
अमित ने बताया कि सॉफ्टवेयर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि कोविड-19 महामारी खत्म होने के बाद भी इसकी उपयोगिता बनी रहेगी। सामान्य दिनों में यह बैंक या ऑफिस आदि में चेहरा ढंककर आने वाले व्यक्ति की जानकारी देगा। यदि एटीएम में कोई चेहरा ढंककर या हेलमेट लगाकर आता है, तो उन्हें माइक के जरिए सॉफ्टवेयर अलर्ट करेगा।